- पवित्र बनो क्योंकि मैं पवित्र हूँ।
-- बाईबिल
- व्यभिचार, चोरी, नशा, हिंसा, झूठ तजना चाहिए।
इन पंच पापों से हमेशा बचकर रहना चाहिए।
-- महर्षि मेँहीँ
- हिंसा -- किसी भी जीव को मन, वचन या कर्म से दुःख या कष्ट देना ही हिंसा है।
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LS-57 / 04101202
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