Sunday, June 29, 2008

भाग्य से ज्यादा कर्म को स्थान

जी हाँ, ईश्वर एक शक्ति है जो सारे जगत को चलाता है तथा सारे जगत उन्हीं की लीला है। हमें ईश्वर पर श्रद्धा ,विश्वाश रखना चाहिए।
मैं ईश्वर पर विश्वास करता हूँ। पर मैं ईश्वर की पूजा के लिए बह्याडम्बर को नहीं मानता हूँ। बल्कि सच्चे ह्रदय से ईश्वर में विश्वास को मानता हूँ।
किसी भी कार्य में मैं भाग्य से ज्यादा कर्म को स्थान देता हूँ। कितने लोग किसी भी कार्य में ख़ुद कर्म करते नहीं व सिर्फ उसको भाग्य पर छोड़ देते हैं और कार्य सफल न होने पर भाग्य को कोसते हैं यह उचित नहीं है। याद रखनी चाहिए कि जो मेरे भाग्य में है, यदि मैं कर्म न करूँ तो वह भी मुझे नहीं मिलेगा।
यदि मेरा कोई कार्य सफल नहीं हुआ तो हमें ईश्वर या भाग्य को नहीं कोसना चाहिए बल्कि हमें वह कारण जानने की कोशिश करनी चाहिए कि किस कारण से हम सफल नहीं हो सके।
-- महेश