Sunday, March 9, 2008

लोकनिंदा

लोकनिंदा से डरना चाहिए क्योंकि यह डर मनुष्य को बुरे कर्मों से बचाता है। हाँ, यदि लोकनिंदा कर्तव्य के मार्ग में बाधा जाए तो इससे डरना कायरता है।

संतवाणी

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अपने काम से काम कहने से काम नहीं चलेगा

हमें अपने काम से काम, अपने मतलब से मतलब कहने मात्र से काम नहीं चल सकता। ऐसा करने से बुरों का विरोध न हो सकेगा और वे मनमानी करके अपनी दुष्टता बढाते हुए दूसरे लोगों के लिए दिन-दिन अधिक भयंकर होते चलेंगे। उसी प्रकार सज्जनों के कार्यों में प्रोत्साहन या सहयोग न दिया जाय तो वे भी निराश होकर चुप बैठे रहेंगे और उनके कार्यों से अनेकों को जो लाभ हो सकते थे वे न हो सकेंगे।

पं. श्रीराम शर्मा आचार्य